आज फिर चलते हुए एक दोसत की बात याद आ रही थी, उसने बताया था कि किसी आदमी के पैर चलते हुए बहुत कुछ सीखा जाते है, मानो जीवन को ही परिभाषित कर देते है। अगला कदम जीवन की खुशहाली को बताता है तो पिछला जैसे जीवन में दुख को । मुददे की सीखने वाली चीज तो ये है कि अगले कदम को आगे होने का घमंड नही है , वह उतसाहित है लेकिन अकड़ नही। ऐसा इसलिए कयोकि उसे पता है जीवन मे दुख भी है कल किसी और को आगे होना है शा़यद उसे जो आज पीछे है हाँ इसी वजह से पिछले कदम की हँसी भी नही उड़ाता , इतना सब मालूम होने के बाद भी वह द्रढ़ता से आगे बढ़ रहा हैं।
और पिछला कदम पीछे है हाँ उसे पता है वो आज पीछे है कल नही होगा, लेकिन वह हताश या निराश नही, अभी पूरी कोशिश कर रहा है आगे बढ़ने की ,निशचित ही कल आगे होगा। ये पिछला कदम मुझे हमेशा सीखाता रहा है उमीद है आपको भी यदि आप जीवन के ऐसे दौर से गुजर रहे हो तो जरूर सीखाएगा बशर्ते आपको आगे बढ़ने की कोशिश करना होगा।
और पिछला कदम पीछे है हाँ उसे पता है वो आज पीछे है कल नही होगा, लेकिन वह हताश या निराश नही, अभी पूरी कोशिश कर रहा है आगे बढ़ने की ,निशचित ही कल आगे होगा। ये पिछला कदम मुझे हमेशा सीखाता रहा है उमीद है आपको भी यदि आप जीवन के ऐसे दौर से गुजर रहे हो तो जरूर सीखाएगा बशर्ते आपको आगे बढ़ने की कोशिश करना होगा।
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